शसस्त्र पुलिस के आंखों तले हो रही तस्करी

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भाद्र १९ गते

कृष्णनगर /संवाददाता :- कपिलवस्तु जिले के कृष्णनगर भंसार के यात्रु गेट नाम से मसहूर नाका जब की उस भंसार नाके पर ७×२४ घंटे शसस्त्र पुलिसकर्मियों की मौजुदगी मे उनके आखों के सामने ही नेपाल से अबैध रूप मे मटर और मटरके दाल की तस्करी सरेआम होती हैं । आप लोग खुद देख सकते है । कि ये महिला तस्कर किस तरह से नो मैन्स लैण्ड पर दो चार किलो नही पुरा का पूरा बोरी सर पर रख कर खडी है ।

नेपाल मे शसस्त्र पुलिसकर्मियों कि निगरानी और पड़ोसी देश भारत मे एस. एस. बी. की निगरानी है । पर देखिए ये तस्कर दोनो सुरक्षाकर्मियों के बीच बे खौफ खडी है । अब आसभी सनसमुदाय खुद अन्दाजा लगाए कि इसमे शसस्त्र के सुरक्षाकर्मियों कि मिलीभगत दिखाई देता है । या फिर कुछ और इतना ही नही दुसरे तर्फ के तस्वीरों पर आप सब ध्यान से देखिये । ये कुछ तस्करो की तस्बिरे है जो पुरा भरा हुआ बोरा सर पर रक्खें हुए है । इस मे कुछ गोला बारुद ,हथियार या, नशीली दवाये नही है । इस मे किराने की सामने और चावल है । लेकिन कुछ चंद रुपयो के लालच मे बोरे को खोल कर चेक नही किया जाता है । तो क्या किराने के और चावलों के नाम पर अबैध गोला , बारुद ,एंव नशीली दवाये इन बोरो के बीच मे  नही हो सक्ती जब बिना चेकिंग के शसस्त्र पुलिस के ऐरिया क्रास कर के नेपाल पुलिस के चेक प्वाइंट के करीब जा पहुंचे है ।

पर इस पर कोई पत्रकार न्यूज लिख दे तो इन्हे फोटो से सबुत नही मिलता है ।  उस पत्रकार से ही पुलिसकर्मियों को भ्रष्टाचारी एंव घुस लेने  का सबुत मागा जाता है । देश के लिए जनता सर्बोपर होता है ,आप सभी जन समुदा एवं भलाभद्र  लोग खुद देखे की अब इस हालात पर भी सबुत चाहिए । अगर मिलीभगत नही तो नो मेन्स लैंड पर तस्कर बोरी लेकर क्यो खडे है । अगर मिलीभगत नही है तो शसस्त्र पुलिस की चेक प्वाइंट क्रास कर के नेपाल पुलिस के चेक प्वाइंट तक सर पर सामान लेकर तस्कर बिना भंसार कैसे पहुंचे । इस न्यूज को पढकर तीनो निकायो के आलाअधिकारियों से अनुरोध है कि शसस्त्र पुलिस, भंसार, एवं जनपद पुलिस अपने अपने छोटे तपकेके कर्मचारियों को समझाबुझाकर काबू करे देश का राजश्व बढाने मे मदत करे ।तथा तस्करो पर लगाम लगाये और तस्करी बन्द कराये । तस्करो को बार्डर पर समुह मे सुबह से साम तक रहना और एक आपास मे झगडना गालीगलौज करना इस सब के पीछे बार्डर पर सटे धर्मशाला मे दो तीन दुकानदारो का संरक्षण है । इन सब के गालीगलौज से स्थानीयें लडकियों, महिलाओं एवं स्थानीय जन समुदाय हमेशा तर्सित रहते है । इस से राहत कौन दिलायेगा । स्थानीयें सरकार …..? प्रदेश सरकार….? केन्द्र सरकार या फिर शान्ति सरक्षा का जिम्मेदारी लिए बैठे जनपद पुलिसकर्मी…? जिम्मेदार कौन …?  कमेन्ट मे जबाब की अपेक्षा ।

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