सपना लेकर विदेश गए राय का सपना वापस मातृभुमि पर साकार हो रहा

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संजय कुशवाहा/नवलपरासी ।

३०  मार्च ।

भोजपुरी भाषा के प्रसिद्ध गायक बनने सफल हुए रमाशंकर राय परिवारीक आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से उच्च शिक्षा हासिल नही कर पाए । पढाइ छोडकर विदेश गए राय गायक बनेंगे यह कभी सोचे भी नही थे । पर, वह पढाई के दौरान ही विद्यालय के सीट पर बाजा बजाकर खुश हुआ करते थे ।

कक्षा १० तक का शिक्षा हासिल किए राय ने कहा,“कक्षा ८ में पढते वक्त दोस्तो के फरमाइस पर डेक्स बजाकर गाना गाने वाले दिन आज भी याद है । रूचि गायकी क्षेत्र में था, फिर भी सहयोग उपलब्ध नही था ।” गायकी क्षेत्र में निरन्तर संघर्ष करते रहनेवाले राय नम्र स्वभाव के गाउ के व्यक्ति हैं ।

नवलपरासी जिला प्रतापपुर गावपालिका वार्ड नम्बर ५ धरमौली गाव के रहनेवाले राय के पिता राजकुमार राजभर और मां सुकुन्तला देवी हैं । वह अपने माता पिता के ज्येष्ठ पुत्र हैं । बचपन अपने ही गांवघर में बिताए राय पहली से ४वीं कक्षा तक की शिक्षा अपने ही गाँव में हासिल करने के बाद गुठी परसौनी स्थित जन जागृति मावि में आगे का शिक्षा उन्होने हासिल किया है ।

पिपी म्युजीक पटना रेकर्डिङ कुशीनगर के सहयोग से माईके भक्तिमे शक्ति अपारबा भोजपुरी भजन गाने से उन्होने अपने गायन यात्रा का शुरुवात किया था । गायन यात्रा के सुरुवात के बाद पहले गाने से काफी प्रशंसा के पात्र बने थे रमाशंकर राय । उसके तुरन्त बाद उन्होने पिया जी ना बहरासे अईले, तुहरा विना ऐ जान, हमार भतार चटपट बेचेला और हितवाके बहिनी रसदार होली जैसे करिब १ दर्जन से अधिक म्युजिक वीडियो का भोजपुरी एल्बम बनाया हैं ।

स्थानीय क्षेत्र में भी उन्हे संगित प्रदर्शन के लिए बुलाया जाता है । गायन क्षेत्र मे जम चुके राय को हर तरफ से आफर मिलने की वजह से गायन उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य बन चुका है ।

घर का आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से घर से बडा सपना लेकर बिदेश गए राय वापस आकर अपने ही क्षेत्र में सपना साकार होने का एहसास किया है । वर्तमान में नेपाल के पहले भोजपुरी कम्पनी हमार भोजपुरी फिल्मी दुनिया म्युजिक प्रा.लि. से अपने गाने को बजार में लाते हैं ।

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