१५ नवम्बर (कार्तिक २९),
महेशपुर (नवलपरासी) ।
नेपाल–भारत के ठुठीबारी सीमा पर भारतीय कस्टम नेपाली नागरिकों से अवैध रकम असुल कर रही है । एक तरफ जंहा दोनों ही देश की सरकार रिश्तों में मजबूती देने के लिए तरह तरह की विकासपरक योजनाओं के क्रियान्वयन में लगी हुई है। वही दूसरी तरफ भारत के महराजगंज जनपद के सीमावर्ती बजार ठूठीबारी सीमा पर नेपाली नागरिकों ने अवैध वसूली व दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।
उनका आरोप है कि सम्बन्धित कस्टम इंस्पेक्टर के इशारे पर कार्यालय के सामने चेक प्वाईन्ट पर बैठे कर्मचारी, रोजमर्रा की सामानों पर जबरन अवैध वसूली करने में लगे हुए है और मना करने पर सामान को सीज करने व चालान करने की धमकी देते है। इसकी शिकायत विगत माह रामग्राम नगरपालिका कार्यालय में भी की गई थी जिसमें नेपाली वाहन स्वामियों ने उत्पीड़न की शिकायत की थी।
मिली जानकारी के अनुसार नेपाल नवलपरासी सहित अन्य जनपदों के नेपाली नागरिको ने भारतीय क्षेत्र जनपद महराजगंज के ठूठीबारी स्थित कस्टम पर आरोप लगाते हुए आक्रोश व्यक्त किया है कि उक्त कस्टम के इंस्पेक्टर द्वारा नेपाली भोली भाली जनता को अपने जवानों द्वारा प्रताड़ित कराया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार एक आदमी से २० रुपए भारती से लेकर देखि ५० रुपए भारती तक लिया जा रहा है ।
दोनों देशों ऐतिहासिक रोटी बेटी के सम्बन्धो पर सम्बन्धित कस्टम अधिकारी द्वारा कुठाराघात किया जा रहा है। नवलपरासी के संदीप, अंजू, रिज़वान, मालती, सुशीला, पार्वती, पूनम, दीपमाला, अनारकली, सुनीता, नन्द प्रसाद, कुन्दन, राधेश्याम चौधरी, विक्रम सिंह, रमेश, विश्वम्भर, कुलदीप आदि ने बताया कि रसोई से सम्बंधित किराना आदि की खरीददारी कर जब कस्टम कार्यालय पंहुचा जाता है तो चेकिंग के बहाने उन्हें रोककर सुविधा शुल्क की मांग की जाती है और ना देने पर सामान को सीज करने व चालान करने की धमकी दी जाती है।
वही कस्टम इंस्पेक्टर से शिकायत करने पर बाहर ही समझने की बात कह अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है। बताते चले कि विगत माह रामग्राम नगरपालिका मेयर नरेन्द्र गुप्ता ने भी भारतीय सुरक्षा कर्मियों द्वारा नेपाली वाहन स्वामियों के उत्पीड़न की शिकायत की थी। इस मामले में कस्टम इंस्पेक्टर मनोज त्रिपाठी का कहना है कि आरोप गलत है। इसकी जांच कराई जाएगी। हालांकि यह मामला कपिलबस्तु जिले के सीमा नाका खुनुवा—मर्यादपुर, बढनी—कृष्णनगर और बजहा में भी समय समय पर प्रकाश में आता रहा है । जिसके प्रति सम्बन्धित निकाय कोई सक्रियता नही दिखा रही है ।