जेठ ८ गते,
उमेश बि.क / नवलपरासी ।
मृत जानवर खाकर वातावरण स्वच्छ करनेवाले प्रकृति के अभिन्न अंग गिद्ध विश्व में ही लोपोन्मुख अवस्था में पहुंच चुके हैं । पश्चिम नवलपरासी के सरावल १ के स्थानीय लोगों ने गिद्ध संरक्षण के लिए पहल शुरु किया है ।
मानवीय क्रियाकलाप से गिद्ध का बासस्थान संकट में पडने के बाद उनके संरक्षण का पहल शुरु हो गया है । सरावल गावपालिका वार्ड नं.१ बासाबसही में गिद्ध रेष्टुरेन्ट होने की वजह से गिद्ध के वासस्थान के लिए संरक्षण का पहल शुरु हुआ है ।
बासाबसही में गिद्ध संरक्षण कार्यालय का सन् २०१८ साल में स्थापना होकर रकम अभाव के कारण कार्य सन्चालन प्रभावकारी तरीके से न होने की वजह से हाल गिद्ध के बासस्थान संरक्षण करने के लिए स्थानीय तह तथा स्थानीय समाजसेवी से गिद्ध संरक्षण कार्यशाला गाेष्टि किया गया है ।
कार्यशाला गाेष्टि में पर्यटन प्रबर्द्वन तथा गिद्ध के बासस्थान संरक्षण के लिए समुदाय की सहभागिता तथा सम्बन्धित निकाय का समन्वय आवश्यक होने की बात हुई है ।
मृत जानवर खाकर डायरिया, रेबिज जैसे रोग को फैलने से रोक्ने में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह करनेवाले गिद्ध को प्रकृति का सफाईकर्मी होने की बात कहते हुए इनका संरक्षण आवश्यक होने की बात गावपालिका अध्यक्ष राधेश्याम चाैधर ने बतायी है । गिद्ध के निवास स्थान संरक्षण के साथ ही गिद्ध संरक्षण तथा क्षेत्र के पर्यटन बिकास में सहयोग करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है ।
गिद्ध संरक्षण कार्यशाला गाेष्टि में सरावल गांवपालिका अध्यक्ष राधेश्याम चाैधरी, उपाध्यक्ष उत्तमा राय, प्रमुख प्रशासकीय अधिकृत बुद्ध प्रकास पाैडेल, वार्ड नं. १ के वार्ड अध्यक्ष भेष नरायण चाैधरी, वार्ड नं. २ के वार्डाध्यक्ष सम्भु प्रसाद चाैधरी, पत्रकार पुरुषाेत्तम सुवेदी, गांवपालिका के शाखा प्रतिनिधि तथा समाजसेवी जैसे लोगों की सहभागीता रही थी ।
कार्यशाला गाेष्टि का सहजिकरण वातावरण बिद सुदिप पाैडेल, इन्जिनियर आशिष पाैडेल, इन्जिनियर बिज्ञान पाैडेल ने किया था ।
लोपोन्मुख गिद्ध संरक्षण के लिए शुरू हुआ पहल
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