लेख
ये जो हुवा ओ सिर्फ नमुना है आगे अभी बहुत कुछ बाँकी है ।
पिछले १० वर्ष से हमलोग गाउँ-गाउँ घूमरहे है मधेस के समस्याको समझानेका और समझनेका प्रयास भि किए है,।
आप किसि भि गाउँ मे जाइए अगर आप मधेसीका बात करिए तो सबसे पहले जनता यही कहती है कि मधेसी से बेहतर तो पहाडिया है , जब उनसे पूछो आप ऐसे क्यों कहरहे है तो सभिका एक हि जवाब होता है कि किसि भि कार्यालय मे जाइए अगर मधेसी कर्मचारी है तो बिना घूसलिए काम नही करता है और जादा पैसा लेने लिए कामको जादा लटकाता है, उसि जगहपर पहडिया कर्मचारी घूस तो ओ भि लेता है कम लेता है या जादा मगर काम करदेता है।
दुसरा समस्या बताते है कि मधेसी कर्मचारी अगर छोटे पदपर भि होता है तो सिडियो एसपी से जादा झूठी शान दिखाता है , मधेसी से अच्छा तो पहडिया कर्मचारी है कमसे कम ऐसा नही करता है।
अब आप ही सोचिए कि ऐसे भ्रष्ट प्रकार के कर्मचारी और नौकरसाहों ने मधेस सिर्फ आर्थिकरूप मे नही लूटा है इन लोगो ने तो समाजको मानसिकरूपमे भि रूपमे भि लूटा है।
मधेस और मधेशियतको बदनाम किया है ऐसे भ्रष्ट किसिम के नेता हो या कर्मचारी इनके साथ अब मधेसी जनता ऐसे हि बर्ताव करेगी तभि सुधरेंगे।
हम चाहते मधेस मे अब कही भि भ्रष्टाचार न रहे मधेसी जनताको सही और सहज हर सुख सुबिधा उपलब्ध हो जिसका ओ हकदार है, मधेसी जनताको अब जिसने भि ठगनेकी कोसिस भि किया उसके साथ इससे भि बदतर सलूक होगा।
इरफान अहमद शेख
केन्द्रीय सदस्य
जनमत पार्टी