वाह रे नेपाल की सरकार ..? करोना वायरस (कोभिड१९) के बहाने मधेशीयो के साथ सौतेला ब्यवहार : मनोज कुमार ओझा

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कपिलवस्तु / कृष्णनगर :-

वाह रे नेपाल की सरकार ..? करोना वायरस (कोभिड१९) के बहाने मधेशीयो के साथ सौतेला ब्यवहार नेपाल भारत सीमा कयी महिनो से भारतीये नंबर पलेट की निजी गाडीयो पर नेपाल प्रबेश मे प्रतिबन्ध

          क्या इस भीड से नेपाल मे नही फैलेगा करोना

कपिलवस्तु जिले के कृष्णनगर नेपाल भारत सीमा क्षेत्र लगायत मधेशके हरेक नाके से भारतीये नंबर पलेट की सवारी गाडी नेपाल अने पर प्रतिबन्ध लगाकर नेपाल सरकार मधेशीयो को पीडित कर दिया है ।

एक तर्फ कहा जाता है की नेपाल भारत का रोटी बेटी का संबंध है , वही जगह पर जब भारत से नेपाल मे किसी वेटी का बिबाह किया जाता है तो उस बेटी को गाडी मे बैठ कर नेपाल आने तक की इजाजत नही है । करोना वायरस का बहाना दिखाया जाता है ।

 क्या इस भीड से नेपाल मे नही फैलेगा करोना

और नेपाल आने के बाद सात साल बाद नेपाली नागरिकता दिया जाता है । एक भारतीये बेटी पर कितना जुल्म करोगे

पर सीमा क्षेत्रों मे माल वाहक गाडियों का आये दिन भीड लगा रहता है । और तो और आम जनता भी बार्डर पर गाडियों को खडा कर के भरतीये बजारो मे खरीदारी करने जाते है और भरतीये मालवाहक गाडियां आती है । तो क्या उस से करोना नही फैलता है ।

और सब से बडी बात तो ये है की नेपाल के पुलिस प्रशासन को भारतीये बजारो मे जाना होता है तो ओ सरकारी गाडी लेकर भारतीये बजारो मे आसानी से आते जाते है । एकही देश मे दो कानून क्यो ..? की केवल मधेशीयो के लिए ही करोना के नाम पर रोक लगाया गया है ।

।। देखिये कैसे नेपाल पुलिस की गाडी भारतीये बजार बढनी मे जाती हुई । क्या नेपालकी गाडी भारत मे जाती है तो करोना (कोभिड१९) नही फैलता है । पर भारतीये नंबर पलेट की सवारी गाडी नेपाल आती है तो उससे करोना फैलता है कहके कयी महिनो से भारतीये नंबर पलेट की सवारी गाडी पर लगा प्रतिबंध ।।

ऐ कोई नयी बात नही है । कि मधेशीयो के साथ सौतेला ब्यवहार किया जाता है ।करोना के नाम पर जब बार्डर सील किया गयाथा तो नेपाल सरकार द्वारा आदेश जारी किया गया था कि ।। भारत बाट एउटा माखा पनि छिर्ना ना दिने ।। और जब मधेश के मधेशी जनता भारत से आते थे तो नेपाल सरकार पुलिसकर्मियों एवं सशस्त्र पुलिसकर्मियों को तैनात करके मधेशी जनता को सीमा पर ( नो मेन्स लैण्ड) पर रहने को मजबूर किया था ।और उसी जगह पर जब पहाड़ी मुल के लोगोका आवागमन चालू हुआ तो नेपाली सेना को सीमा क्षेत्र मे लगाकर के उन्हे बाकायदा पास बनाकर के सवारी साधनो द्वारा उन्हें घर तक पहुंचने का ब्यवस्था किया गया था ।

           इस भीड से नेपाल मे नही फैलेगा करोना

ये सब देखने के बाद यही लगता है की नेपाल के सारे कानून केवल मधेशीयो के लिए ही बनाया गया है । कबतक मधेशीयो के साथ सरकार सौतेला ब्यवहार करेगी । क्या मधेशी नेपाल के नागरिक नही है । अगर है तो उनके साथ सौतेला ब्यवहार क्यो .? पहाड़ी क्षेत्रों मे भारत से रासन ,फलफुल ,तरकारी सारी बस्तु मालवाहक गाडियों से पहुचाया जाता है । और मधेशी लोग भारत से एक किलो तरकारी नही ला सकते है । बहेन बेटीयो की सादी बिबाह मे भंसार करवाकर एक गाडी भी नही ला सकते है । और प्रशासन के लोग जब चाहे गाडी लेकर भारत आसानी से जा सकते है । कहा सो रही है नेपाल की कानून ब्यवस्था और नेपाल सरकार ….? नेपाल मे लगभग ५१% से जादा मधेशीयो की संख्या है । फिर भी उन्हे मधेशी कोटा दिया जाया है ।और देश मे देखा जाये तो अल्पसंख्यकों को कोटा दिया जाता है । पर नेपाल मे केवल मधेशीयो के साथ ही सौतेला ब्यवहार किया जाता है । और अज कल तो करोना वायरस का हवाला देते हुए कुछ जादा ही किया जाता है । सीमा क्षेत्र मे गाडी खडा करके पैदल भारतीये बजारो से खरीद कर सामान लाते है तो करोना नही फैलता है ।

      ।।     क्या इस भीड से नेपाल मे नही फैलेगा करोना केवल भारतीये नंबर पलेट की निजि सवारी साधन से फैलता है करोना मालवाहक गाडी से भी नही फैलता है । वाह रे नेपाल सरकार की राजनीति ।।

केवल भारतीये सवारी गाडी नेपाल मे प्रबेश होने से करोना फैलता है । जब नेपाल की सरकारी गाडी भारत मे जाती है तो करोना नही फैलता है । पर भारतीये गाडी नेपाल आने से करोना फैलता है । अन्धविश्वास का चसमा अब नेपाल सरकार को उतार देना चाहिए , क्यो कि मधेशी भी नेपाल के नागरिक है । कबतक करोगे सौतेला ब्यवहार बन्द करो राडा शासन प्रजातन्त्र आ चुका है ।

अगर बार्डर बन्द करना है तो लगा दो पासपोर्ट बीजा मधेशी भी नेपाली है । मधेशीयो को हमेशा भारतीये, बिहारी बोलकर गाली दिया जाता है । पर इस बिश्व ब्यापी करोना काल मे सारे मधेशीयो को भी पता चलगया है । की मधेशीयो से जादा पहाड़ी लोग भारतीये नागरिक हो गये है । जब बार्डर पर कोरोना काल मे लागू हुआ की नेपाल से भारत जाने वाले आधार कार्ड दिखाये और भारत से नेपाल आने वाले नेपालका नागरिकता दिखाये तो भारत से नेपाल आने वाले सभी पहाड़ी मुल के लोगो के पास नागरिकता था । और जब वही पहाड़ी मुलके लोगो को जब भारत जाना हुआ तो सभी के हाथ मे आधार कार्ड दिखाई दे रहा था । यही कृष्णनगर बढनी बार्डर पर बहुत से पहाड़ी मुल के नेपाली भारतीये नंबर पलेट की गाडी खरीदकर आते है । तो फिर मधेशीयो के साथ ही क्यो सौतेला ब्यवहार …? यही मधेशी है जो नेपालके सीमा की रक्षा करते है । कयी नमुना पूर्व मेची से पश्चिम महाकाली तक के सीमा पर मधेशीयो ने अपनी जान गवा कर दिखा दिये है ।

       क्या इस भीड से नेपाल मे नही फैलेगा करोना

जागो मधेशी नेताओ जो मधेशीयो का वोट पाकर जीतकर सिंह दरबार मे जाते हो कुछ उनके लिए भी आवाज उठाओ जो तुम नेताओ के घर की चुल्हे जलाते है ।

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