क्या सच में हुयी थी कर्फ्यु आदेश की अवज्ञा ?

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कार्तिक १४ गते,
खोन्टुस/कपिलबस्तु (कृष्णनगर) ।
कपिलबस्तु जिले के कृष्णनगर में लक्ष्मी मूर्ती बिसर्जन को लेकर दो समुदायो के बीच बुधवार रात को बिवाद शुरु हुआ था । नेपाल पुलिस द्वारा एकतर्फी रवैया अपनाने की बात कहते हुए लक्ष्मी बिसर्जन में मौजुद रहे लोग पुलिसवालो पर भडक गए । मामला गुरुवार सुबह और भी भडक गया । नेपाली पुलिस प्रशासन ने कई राउण्ड टीयर गैस फायर किया पर हिन्दु लडको पर इसका कोई असर नही हुआ । लडके टीयर गैस के गोले को वापस पुलिस प्रशासन के उपर ही फेक दे रहे थे । उसके बाद पुलिस ने फायरिंग शुरु कर दी । जिसमे करिब २३ बर्षीय सुरज पाण्डेय के आंख मे गोली लगने की वजह से पाण्डेय की मौके पर ही मौत हो गयी । इससे हिन्दु समुदाय पुलिस प्रशासन के प्रति काफी आक्रोशित दिखायी दे रहा है । सभी लक्ष्मी प्रतिमाएं अभी तक कृष्णनगर बजार में ही खडी हैं ।

                      मृतक सुरज पाण्डेय

इस दौरान काफी आनलाइन मीडीया में समाचार आ रहा है कि कफर््यू का अवज्ञा करने पर पुलिस के गोली से एक व्यक्ति की मौत हो गयी है । यह बात बिल्कुल सही है कि जिल्ला प्रशासन कार्यालय ने ११ बजे से अग्रीम आदेश न आने तक कृष्णनगर में कफर््यु आदेश जारी किया है । कागजी कार्रवाई पुरा करने के बाद पुलिस प्रशासन की मायकिंग का तरिका समझ से परे था । स्थानीय लोगों की मानें तो कृष्णनगर नगरपालिका के वैन में एक साउण्ड रखकर पुलिस प्रशासन थाने के सामने से लेकर दंगाली गेस्ट हाउस के सामने तक ही मायकिंग कर रही थी । पर, पुलिस के बिपक्ष में खडे लोग कफर््यू आज्ञा से बिल्कुल बेखबर थे ।
इसी तरह एक आनलाइन मीडीया में यह खबर बताया जा रहा कि इसमें भारतीय घुसपैठ हुयी है । इस बात को पुर्ण रुप से नकारा नही जा सकता पर जिसकी मौत हुयी है वही भारतीय होने के आधार पर भारत घुसपैठ का अन्दाजा लगाना बिल्कुल गलत है । जिसकी मौत हुयी है वह भी भारतीय था नेपाल का नही । पर, स्थानीय के मुताबिक वह भारत का था फिरभी बचपन से ही सुरज कृष्णनगर में ही पला बढा था । वह कृष्णनगर में चाय की दूकान चलाता था । कुछ दिन पहले उसके पिता का भी मौत हो गया था ।इस तरह के बिना सत्य तथ्य जाने फोन के बलबूते पर समाचार लिखे जाने से हिन्दु धर्मावलम्बी पत्रकारों के उपर भी आक्रोशित हो गए । भीड के आक्रोश ने कुछ पत्रकारो को भी अपने चपेट में ले लिया । कृष्णनगर में दो समुदाय के बीच शुरु हुयी यह दंगा धीरे धीरे पुलिस और हिन्दुओ के बीच की दंगा बन गयी । कुछ पत्रकारों के बेबुनियादी समाचार ने आग में घी डालने का काम कर दिया । ऐसे संवेदनशील मामले में पत्रकार बन्धुओं को पत्रकार अचार संहिता का ध्यान रखते हुए समाचार सम्प्रेषण करना चाहिए । जिससे आपसी सद्भाव कायम करने में मदद मिले ।

 

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