पांचवे अन्तर्राष्ट्रिय योग दिवस पर हुए विविध कार्यक्रम

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संजय कुशवाहा/नवलपरासी ।

पांचवा अन्र्तराष्ट्रिय योग दिवस नवलपरासी पश्चिम में विविध कार्यक्रमों के साथ मनाया गया है ।
हर साल २१ जुन के दिन पूरे विश्व में योग दिवस मनाया जाता है । इस दिवस के अवसर पर शुक्रबार सुबह प्रतापपुर गावपालिका के आयुर्वेद शाखा गुठी परसौनी ने योग शिविर का आयोजन किया है । शिविर में ५ सौ लोगों की उपस्थिती रही थी ।
इस दिवस के अवसर पर जन जागृति मा.वि. के मैदान में औपचारिक समारोह का आयोजन भी किया गया था । समारोह में गावपालिका के अध्यक्ष राजकुमार शर्मा की भी सहभागिता रही थी ।
मित्र राष्ट्र भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के पहल में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने सन् २०१५ से जुन २१ को अन्तराष्ट्रिय योग दिवस के रुप में मनाना शुरु किया है ।
अन्तराष्ट्रिय योग दिवस मनाए जाने के व्यवस्था के लिए सन् २०१४ में संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासभा में भारतीय प्रधानमन्त्री मोदी ने प्रस्ताव रखा था । जिसे नेपाल के तत्कालीन प्रधानमन्त्री स्व. सुशील कोइराला ने समर्थन किया था ।
संयुक्त राष्ट्रसंघ ने योग को शताब्दी विकास के सूचकांक के रुप में रखा है । योग को शारीरिक रुप में स्वस्थ, मानसिक रुप से शान्त और आध्यात्मिक चेतना के साथ जीने की शैली सिखानेवाली कला के रुप में जाना जाता है । योग से इन्सान की जीवनशैली अनुशासित बनने के साथ ही शारीरिक तथा मानसिक रुप में चुस्त दुरुस्त रहने में मदद भी मिलने की बात प्रतापपुर गावपालिका के आयुर्वेद शाखा के प्रमुख दिनबन्धु मिश्र ने कही है ।
इसी तरह नवलपरासी के प्रतापपुर गावपालिका वार्ड नम्बर ७ स्थित गुठी सुर्यपुरा के दुर्गा मन्दिर के प्रांगण में भी योग समारोह सम्पन्न हुआ है । जिसका आयोजन हिन्दु स्वयंसेवक संघ नेपाल नवलपरासी ने किया था ।
इस कार्यक्रम में पुर्व गा.वि.स. अध्यक्ष रामअवतार कोईरी की अध्यक्षता तथा प्रतापपुर गावपालिका वार्ड नम्बर ७ के वार्डाध्यक्ष हरेन्द्र यादव की प्रमुख अतिथ्यता रही थी ।
कार्यक्रम में राष्ट्रिय वौद्धिदक प्रमुख श्रवण कुशवाहा, हिन्दु स्वयंसेवक नेपाल जिला कार्यवाहक विरेन्द्र प्रताप सिंह, लुम्बिनी विभाग प्रचार प्रसार के देशबन्धु यादव, चन्द्रभान कुशवाहा, झिन्नु सिंह, हरिशंकर तिवारी लगायत के लोगों की उपस्थिती रही थी । इस समारोह में करिब १५० लोगों की उपस्थिती रही थी । समारोह के प्रशिक्षक नरेन्द्र चौधरी तथा नागेन्द्र कुशवाहा थे ।

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