देश मे कोरोन महामारी (कोभिड१९) के संकट मे जहा आम जनता गरीबी मजदूरों, असहायों के घरो मे खाने का ब्यवस्था नही है ।और सरकार लकडाउन (निषेधाज्ञा) जारी करके लोगो को घरो मे कैद कर के रख दिया है । और खुद सरकार कभी प्रदेश सभा बिघटन, करके नया सरकार गठन होता है । तो कभी केन्द्र सरकार बिघटन करके नयां मंत्री मंण्डल बिस्तार किया जाता है ।
नेपल कृषि प्रधान देश के किसान इस समय धान के बिऊ ,खाद और सिचाई को लेकर बहुत चिंतित है ।
सारे नेता मंत्री बन्नेके चक्कर मे रहते है । और जब मंत्री बनते ही उनके समर्थक फुल माल अबीर लेकर सैकडो की संख्या मे आते है । तब करोना नही फैलता है । और आम जनता ,किसान ,मजदुर अगर अपने घरो मे बाल बच्चोके लिए दो रोटी के तलाश मे घरसे बाहर निकलते ही ,किसान खाद बीज के लिए निकलते ही कही मोटरसाइकिल रोकलिया जाता है तो ,कही दो किसान टेम्पो से खाद बिऊ लेने आते है तो टेम्पो रोकर परेसान किया जाता है ।
पर वही जब कोइ नेता मंत्री का चुनाव होत है तो कोइ रोक नही । और कोई नेता कभी किसी गरीब असहाय, किसानों के समस्या के बरेमे नही सोचता है । तभी गरीबी मजदूर असहाय लोग दो रोटी की तलाश मे भारत जाने की होड मची है । नेपाल के लगभग हर बार्डर, हर चेकपोस्ट से लोग रोटी के तलाश मे भारत जाते नजर आरहे है ।
।। नेताओ की मस्ती : जनता है परेशान किसान खाद बीज के लिए परेशान तो वही असहाय, गरीबी, मजदूर अपने बच्चों के लिए दो वक्त की रोटी के लिए परेशान ।।
्कोरोन महामारी (कोभिड१९) के डर से स्वदेश लौटे नेपाली मजदूर काम की तलाश में फिर से भारत जाने लगे हैं। घर में रहने के दौरान आर्थिक परेशानी होने के बाद महामारी के बीच फिर से गुजारा करने के लिए वे भारत जाने लगे। इस बीच गौरीफंटा नाका से काम की तलाश में भारत जाने वालों की संख्या कुछ काम मिलने की उम्मीद में बढ़ती ही जा रही है ।
कपिलवस्तु के कृष्णनगर बार्डर के चेकप्वाइंट से अभी तक सब से कम ५४५ लाहुरे सहित कामदार भारत के लिए रवाना हो चुके है ।
अप्रैल के बाद से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बढ़ गई थी । ऐसे समय में जब अप्रैल में संक्रमण और मृत्यु दर बहुत अधिक बढ रहा था । तब ३,९९३ लोग गौरीफंटा चेकप्वाइंट के माध्यम से भारत के लिए रवाना हो चुके हैं ।