२८ नवम्बर (मंसिर १२)
खोन्टुस/काठमाण्डौ । नेता हृदयेश त्रिपाठी नेतृत्ववाली स्वतन्त्र राजनीतिक समूह मंसिर २८ गते राजधानी काठमाण्डौ में बृहत् राजनीतिक बैठक का आयोजन करने जा रही है । समसामयिक राजनीतिक परिस्थिति का मूल्यांकन तथा भावी कार्यदिशा तय करने के लिए बैठक का आयोजन किए जाने की बात समूह के नेता तथा पूर्व मन्त्री ईश्वरदयाल मिश्र ने बतायी है । बैठक में मधेशकेन्द्रित दलों से असन्तुष्ट नेताओं की भी सहभागिता होने की खबर मिली है ।
मधेसकेन्द्रित छह राजनीतिक दल एकीकृत होकर राजपा नेपाल गठन किए थे, जिसके उपरान्त पूर्व मन्त्री त्रिपाठी के नेतृत्व में स्वतन्त्र समूह का जन्म हुआ था ।
स्वतन्त्र समूह से तत्कालीन एमाले के चुनाव निशान सूर्य से छ नेताओं ने प्रतिनिधिसभा तथा प्रदेशसभा निर्वाचन में उम्मीदवारी दर्ता करायी थी । जिसमें नवलपरासी से त्रिपाठी तथा कपिलबस्तु से वृजेश गुप्ता प्रतिनिधिसभा में निर्वाचित हुए है । उसी तरह प्रदेश सभा में नवलपरासी से अजय शाही और कपिलवस्तु से धर्मबहादुर लाल श्रीवास्तव निर्वाचित हुए है । स्वतन्त्र समूह के तरफ से कपिलबस्तु के प्रतिनिधि सभा प्रत्यासी ईश्वरदयाल मिश्र तथा बाके के प्रतिनिधि सभा प्रत्यासी पशुपतिदयाल मिश्र ने कठिन प्रतिस्पर्धा करते हुए निर्वाचित होने से असफल रहे ।
बैठक में समूह के विस्तार के बारे में चर्चा किए जाने की बात नेता ईश्वरदयाल मिश्र ने बतायी है । बैठकमा ५० से अधिक नेताओं की सहभागीता होने की जानकारी मिली है । उनके मुताबिक वर्तमान में पश्चिम क्षेत्र के नेताओं के सहभागिता वाले इस समूह के अग्रिम बैठक में देश भर के नेताओं की सहभागिता रहेगी । जिसमें पूर्वी नेपाल के नेताओं की उपस्थिती भी रहने वाली है । नेता ईश्वरदयाल ने बैठक में मधेसी दल के असन्तुष्ट नेताओं की मौजूदगी रहने की बात कहते हुए बताया कि, महन्थ ठाकुर से लेकर उपेन्द्र यादव के करिबी नेता भी बैठक में आएंगे ।
राजपा नेपाल ने प्रदेश ५ में स्थानीय तह निर्वाचन बहिष्कार करके प्रदेश नम्बर २ में हर तह के निर्वाचन में सहभागिता जताया था । जिससे असन्तुष्ट त्रिपाठी लगायत के तत्कालीन तमलोपा के कुछ नेताओं ने स्वतन्त्र समूह का गठन किया था । तत्कालीन नवगठित समूह ने एमाले से कुछ सूत्रीय सम्झौता करके सूर्य निशान लेकर चुनावी दंगल में कदम रखा था । समूह के नेता त्रिपाठी संसद में मधेश के सन्दर्भ में सरकार भी आलोचना करते हुए नजर आते हैं ।
स्वतन्त्र समूह के बैठक में ५० से अधिक नेताओं की रहेगी मौजूदगी
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