नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस के मिलीभगत मे हो रहे बकरे की तस्करी : भंसार के टीम ने बकरो से भरी ट्रक सहित दो ब्यक्तियो को किया गिरफ्तार

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कपिलवस्तु / कृष्णनगर :-

कपिलवस्तु जिला के कृष्णनगर भंसार कार्यालय के टीम ने कुछ दिन पहले कृष्णनगर थाना क्षेत्र तथा कृष्णनगर सशस्त्र बेश कैंप तथा कृष्णनगर वार्ड नं. ६ करमा बेश कैंप के क्षेत्र से भैसा तथा बकरे भंसार की टीम ने बरामद किया था ।
हाल ही मे शुक्रवार रात को लगभग दो बजे बिजयनगर गावपालिका वार्ड नं.४ त्रिपालनगर एवं शिवराज नगरपालिका के हल्लानगर समीप सुरही नदी के पुल के पास से भंसार की टीम ने बकरो से भरा एक ट्रक सहित दो ब्यक्तियो को गिरफ्तार किया ।

नेपाल सरकार ने नेपाल पुलिस एवं सशस्त्र पुलिस को बार्डर क्षेत्र मे क्यो डियूटी पर तैनात किया है । फिर भी इतने बडे पैमाने पर क्यो तस्करी होती है ।
गोप्य सुत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक कृष्णनगर थाना क्षेत्र एवं सशस्त्र पुलिस ,बिजयनगर गावपालिका के थाना गणेशपुर एवं डालपुर सशस्त्र बेश कैंप तथा सुन्दरीडाडा थाना के मिली भगत मे पशु चौपाया (मवेशियों) तथा जंगली काठो की तस्करी हो रही है ।
मिलीभगत के कारण तस्कर आसानी से भारतीये सीमा पार करके जंगल के रास्ते नेपाल मे लाते है । जो की पुरा क्षेत्र बलरामपुर जिला का क्षेत्र पडता है इस मे भारतीये सुरक्षा निकायो की मिलीभगत कही ना कही सामिल है ।

सब से बडी खबर तो ये है की २४ घंटा सीमा क्षेत्र मे तैनात नेपाल पुलिस एवं सशस्त्र पुलिस कर्मियों द्धारा डियूटी लगे होने के बाद भी खसी,पडव पुलिसकर्मियों के पकड मे नही आते है । और भंसार की गस्ती टीमो के पकड मे कैसे आजाते है ।

निमित्त भंसार प्रमुख ठाकुर गौतम ने बताया की भंसार की गस्ती टीम ने सुक्रवार रात लगभग २ बजे हल्लानगर सुरही पुल के निकट से बकरे से लोड ट्रक को कब्जे मे लेकर भंसार कार्यालय लाया गया । जिस मे १४५ जिन्दा बकरे ,ट्रक चालक सहचालक तथा अन्य सवार दो ब्यक्तियों की पकडे जाने की जानकारी दिये ।

पकडे गये १४५ बकरो की कीमत २० लाख ३८ हजार ७०० सौ रूपये मे प्रक्रिया गत लिलाम किया गया है । लिलाम हुए बकरो को राजकुमार श्रेष्ठ ने लिया ।
और पकडे गये ट्रक, चालक, सहचालक सहित अन्य दोनो ब्यक्तियों को कृष्णनगर थाने के पुलिस हिरासत मे रक्खा गया है तथा ट्रक को भंसार कर्यालय मे ही रक्खा गया है ।
पकडे गये चारो ब्यक्तियों की रिहाई हेतु लगभग २०/२५ लाख रूपये धरौटी मे ही छुट सक्ते है ।
भंसार कार्यालय द्वारा लिलाम किये गये बकरो को चन्द्रौटा के ब्यापारी राजकुमार श्रेष्ठ ने ही क्यो खरीदा और पकडे गये लोगो ने भी बताया की चन्द्रौटा लेकर जा रहे थे ।

कुछ सुत्रो से पहले ही पता लगा था की बकरे का काम राजकुमार श्रेष्ठ ही करते है तथा इस से पहले जब भंसार की टीम ने७० बकरे तथा ८१ भैसो को पकडा था तभी एक नेपाली मिडिया मे राजकुमार का नाम बकरे मे सामिल था ये सारी घटनाओ को देखने से साफ जाहिर है की बकरे तथा भैसो के तस्करों से मिलकर पुलिस वाले तस्करी करवा रहे है ।

इस तस्करी मे बहुत बड सिन्डीकेट है सशस्त्र पुलिस का गिरी नामक घुमुवा काफी समय से डालपुर सशस्त्र कैंप मे बैठा हुआ है । और गणेशपुर थाने मे दीपक पासी नामक घुमुवा जो काफी समय से गणेशपुर थाने मे डेरा जमाया हुआ था और बीच मे बदनाम होने के बाद ट्रांसफर हुआ और थाना इन्चार्ज बदलते ही एक सप्ताह हुआ फिर थाना गणेशपुर मे तैनात हो गया । ये सब तस्करों का सिन्डीकेट नही तो और क्या कहा जायेगा इस पर नेपाल सरकार के संबंधित निकायो का ध्यान आकर्षण होना जरूरी है देश का रोज लाखौ का कर ये देवक तस्करों से मिलकर चट कर जाते है ऐसे देवको को तह लगाना जरूरी है ।

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