सीमावर्ती क्षेत्र के मधेशीयों ने फिर बना दिया नयांं मिसाल

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कपिलवस्तु / कृष्णानगर :- 

नेपाल के पुराने नक्शांकन के हिसाब से जो हम ने पढा है । नेपाल तीन बिकाश क्षेत्र मे बाटा गया है । (१) हिमाल (२) पहाड (३) तराई (मधेश) और मधेशी समुदाय के लोगो के प्रति पहाड़ी समुदाय के द्वारा बार बार अफवा गाली गलौज तथा बेईजत किया जाता है ।

सीमा पर भरत से आये हुये नेपाल के पहाड़ी समुदाय को  खाना खिलाते मधेशी समुदाय के लोग

फिर भी मधेशी समुदाय एवं मधेश के लोग पहाड़ी समुदाय के लोगों साथ ऐसा बरताव कभी नही करते । आज जहा दुनियाभर के लोग कोरोना महामारी से जुझ रहे है वही नेपाल भी इस के चपेट मे है ।

सीमा की रक्षा के लिए मरने और मारने को तैयार मधेशी

कोरोना महामारी के वजह से भारत के बिभिन्न शहरो मे काम कर रहे नेपालियों का नेपाल आना मजबुरी बनगया । इस समय लोग दुखी है कई दिन भूखे प्यासे पैदल चलकर नेपाल भारत सीमा तक पहुचतें है । और वही सीमा पर मधेशी समुदाय के लोग खाना पानी का ब्यवस्थापन करके खाना खिला कर मधेशी पहाड़ी समुदायो के बीच आपसी सौहार्द और फिर भाईचारे की मिसाल बना रहे है ।

सीमा  स्तम्भ को खोदकर खडा करने मे लगा है मधेशी जवान

मधेशी समुदाय कहती है  कि तुम लो हम को मधेशी, बिहारी, धोती, भैया, काले,  सुंगुर, भेले जैसे शब्दों से बारबार गालीया देतो हो ।और तुम लोगोके दुखके समय हम सब मधेशी, बिहारी, धोती, भैया,का सुंगुर, भेले ही काम आते है । अक्सर  देखने को मिलता है चाहे सीमा बिबाद हो या दुख की घडी हो मधेशी समुदाय हमेेेशा देश के और देश के लोगोके साथ रहा है ।

देखिये कैसे बाल बच्चा सहित मधेशी करते है सीमा की रखवाली

पिछले कुछ दिन पहले नेपाल के सीमा क्षेत्र मे भारत द्वारा हस्तक्षेप किये जाने पर मधेशियों ने डट कर सीमा पर भरतीयो का सामना किया था । जिस समय काफी मधेशी घायल हुये थे जो देशके सैनिकों का काम है । ओ मधेशियों ने किया और आज भी पहाड़ी जनता जब दुख के घडी से गुजर रही है तो वही मधेशी जनता पहाड़ियों के दुख बाटने के लिए सीमा पर खाना खिला रही है ।पा पिला रही है, छोटे छोटे बच्चों का दुध तक की ब्यवस्था कर रही है ।

ये मुसहर समुदाय भी मधेशी ही है कितना प्यार है मधेशियों को सीमा से 

फिर भी हमारे देश के पहाडी समुदाय के लोगोको दिखाई नही देता है । अभी हाल ही मे कृषि टीबी से मधेशीयों के प्रति अपमानित शब्द का प्रयोग करके सारे मधेशी समुदाय को अपमानित किया गया । जिस अपमानित शब्द को एक हमारे मित्र है बिपी साह उन्होंने प्रेसकाउन्सिल मे पत्र लिख कर दुख ब्यक्त किया ।

प्रेसकाउन्सिल का पत्र कृषि टेलिविजन को 

जब मधेशी समुदाय हर सुख दुख मे साथ ही है तो फिर क्यो सौतेला ब्यवहार किया जाता है । जैसे मधेशी समुदाय आपसी सदभाव कायम करके सुख दुख मे साथ खडा रहता है । वैसे पहाडी समुदाय के लोगो को भी करना चाहिए । अगर मधेशियों को गाली देने वाला ही एक सच्चा राष्ट्रवादी है तो दो गाली और मधेशी तुम्हारे सुख दुख मे साथ देगा कब तक नही सुधरोगे तुम ..?

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